"वो आए तो कहना लौट जाए,
न तो उसका इन्तजार है न ही कोई शिकायत"....!!
कितने मजबूर है हम प्यार के हाथो,
ना तुझे पाने की औकात है और ना तुझे खोने का होँसला....!!
एक न एक दिन हांसिल....कर ही लूँगा मंजिल,
ठोकरे ज़हर थोड़ी ना है....जो खा कर मर जाऊंगा..!!
क़ुर्बान जांऊ उसके हाथों की लकीरों पर....
जिसने बिना मांगे तुझे पा लिया..!!
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया,
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया...!!
जिनकी शायरियों में होती हैं सिसकियाँ,
वो शायर नही, किसी बेवफा का "दीवाना" होता है....!!
इश्तिहार दे दो कि ये दिल ख़ाली है,
वो जो आया था किरायेदार निकला....!!
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया,
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया...!!
तुमने कहा था हर शाम तेरे साथ गुजारेगे,
तुम बदल चुके हो या फिर तेरे शहर में शाम ही नहीं होती......
न तो उसका इन्तजार है न ही कोई शिकायत"....!!
कितने मजबूर है हम प्यार के हाथो,
ना तुझे पाने की औकात है और ना तुझे खोने का होँसला....!!
एक न एक दिन हांसिल....कर ही लूँगा मंजिल,
ठोकरे ज़हर थोड़ी ना है....जो खा कर मर जाऊंगा..!!
क़ुर्बान जांऊ उसके हाथों की लकीरों पर....
जिसने बिना मांगे तुझे पा लिया..!!
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया,
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया...!!
जिनकी शायरियों में होती हैं सिसकियाँ,
वो शायर नही, किसी बेवफा का "दीवाना" होता है....!!
इश्तिहार दे दो कि ये दिल ख़ाली है,
वो जो आया था किरायेदार निकला....!!
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया,
ख़ुश हूँ कि कुछ न कुछ तो मेरे पास रह गया...!!
तुमने कहा था हर शाम तेरे साथ गुजारेगे,
तुम बदल चुके हो या फिर तेरे शहर में शाम ही नहीं होती......
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